5 dangerous diseases
5 dangerous diseases5 खतरनाक बीमारियां: वर्तमान में, देश में स्वास्थ्य से जुड़ी कई चुनौतियाँ उभर रही हैं। हाल के वर्षों में आंखों की समस्याएं, डायबिटीज, हृदय रोग, ओरल कैंसर और किडनी से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बीमारियों की समय पर पहचान और सही जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है, अन्यथा भविष्य में स्थिति और गंभीर हो सकती है। आइए जानते हैं इस विषय पर विशेषज्ञों की राय।
आंखों की समस्याएं
आंखों से जुड़ी समस्याएं देश में तेजी से बढ़ रही हैं। एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार, भारत विश्व में सबसे अधिक मोतियाबिंद सर्जरी करने वाला देश है। हालाँकि, अब मायोपिया, यानी दूर की चीजें धुंधली दिखने की समस्या, एक नई चुनौती बनकर उभरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके रोकथाम के लिए सही पोषण, समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार आवश्यक है।
डायबिटीज की समस्या
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। फोर्टिस C-DOC के एक विशेषज्ञ के अनुसार, दिल्ली में हर तीन में से एक व्यक्ति डायबिटिक है, जबकि 30% लोग प्री-डायबिटिक स्तर पर पहुँच चुके हैं। यह स्थिति चिंताजनक है। डॉक्टरों का कहना है कि दवाएं मदद कर सकती हैं, लेकिन असली समाधान स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और जागरूकता में है।
हार्ट की समस्याएं
अब हर उम्र के लोगों में हार्ट की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मेदांता के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख के अनुसार, दिल की बीमारियाँ सभी बीमारियों का केंद्र बन गई हैं। पिछले कुछ वर्षों में दिल के रोगों के मामलों में तेजी आई है। हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में गोल्डन ऑवर के भीतर एंजियोप्लास्टी जीवन को बचा सकती है। आज 80-90 साल के मरीजों के लिए भी उन्नत कार्डियक उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ओरल कैंसर की समस्या
भारत में ओरल कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इंडियन जर्नल ऑफ डेंटल रिसर्च के विशेषज्ञ के अनुसार, तंबाकू, पान-मसाला और खराब खानपान इसके प्रमुख कारण हैं। भारत को ओरल कैंसर की राजधानी कहा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि किफायती डेंटल इंश्योरेंस और समय पर जांच इस खतरनाक बीमारी पर काबू पाने के लिए आवश्यक हैं।
किडनी की समस्याएं
किडनी की समस्याएं अब महामारी जैसी स्थिति में पहुँच चुकी हैं। सर गंगाराम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख के अनुसार, देश के लगभग 13.16% वयस्क क्रॉनिक किडनी डिजीज से प्रभावित हैं। इसके मुख्य कारण डायबिटीज और उच्च रक्तचाप हैं। प्रारंभिक जांच और समय पर उपचार से इस बीमारी के खतरों को काफी कम किया जा सकता है।
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